मुझे परवाह नहीं दुनिया, खफा रहे, बस इतनी सी दुआ है, दोस्त मेहरबां रहे।
परवाह नहीं चाहे, जमाना कितना, भी खिलाफ हो, चलूँगा उसी राह पर जो, सीधी और साफ हो | “शुभ प्रभात”